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'द केरला स्टोरी' पर बैन हटा, लेकिन कोर्ट ने कहा काल्पनिक

चारु कार्तिकेय
१८ मई २०२३

सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरला स्टोरी' फिल्म पर पश्चिम बंगाल सरकार के लगाए बैन पर रोक लगा दी है. साथ ही अदालत ने फिल्म निर्माताओं को कहा है कि वो एक डिस्क्लेमर लगाएं कि फिल्म काल्पनिक है.

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द केरला स्टोरी
द केरला स्टोरीतस्वीर: Payel Samanta/DW

अदालत में फिल्म को लेकर कई याचिकाएं दायर दी गई थीं. पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा लगाए गए बैन पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टि में हमारी यह राय है कि राज्य सरकार द्वारा दी गई सामग्री के आधार पर यह प्रतिबंध उचित नहीं है, इसलिए बैन करने वाले आदेश पर रोक लगाई जाती है.

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से भी कहा कि वो हर सिनेमा हॉल को सुरक्षा उपलब्ध करवाए और फिल्म देखने जाने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करे. तमिलनाडु सरकार ने अदालत को बताया था कि उसने राज्य में फिल्म के दिखाए जाने पर कोई बैन नहीं लगाया है, बल्कि सिनेमा हॉल वालों ने कहा है कि फिल्म में किसी की दिलचस्पी नहीं है इसलिए वो उसे नहीं दिखा रहे हैं.

इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म के निर्माताओं से भी कहा कि वो फिल्म में एक डिस्क्लेमर डालें कि फिल्म काल्पनिक घटनाओं पर आधारित है और 32,000 लोगों के धर्मांतरण के दावे को साबित करने के लिए कोई विश्वसनीय डाटा उपलब्ध नहीं है. अदालत के सामने तीसरी अपील फिल्म को सेंसर बोर्ड द्वारा मंजूरी दिए जाने के खिलाफ थी, जिस पर अदालत ने कहा कि इसके लिए जजों को फिल्म देखनी पड़ेगी और इस वजह से इस मामले को गर्मी की छुट्टियों के बाद सुना जाएगा.

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फिल्म में केरल में रहने वाली तीन ऐसी लड़कियों की कहानी दिखाई गई है जिनका जबरदस्ती या धोखे से धर्मांतरण करा कर उन्हें मुसलमान बना दिया जाता है और फिर उन्हें इस्लामिक स्टेट का हिस्सा भी बना दिया जाता है. जब फिल्म का ट्रेलर लांच हुआ था तब उसमें फिल्म के निर्माताओं ने दावा किया था कि ऐसा केरल की 32,000 हिंदू और ईसाई महिलाओं के साथ हुआ था.

इतनी बड़ी संख्या के दावे पर काफी विवाद हुआ. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और कांग्रेस सांसद शशि थरूर जैसे नेताओं ने भी इस संख्या को भ्रामक बताया. फिल्म के खिलाफ जब विरोध बढ़ गया तो फिल्म के ट्रेलर को बदल दिया गया और उसमें 32,000 की जगह सिर्फ तीन लिख दिया गया. फिल्म समीक्षकों के मुताबिक यह फिल्म अभी तक करीब 165 करोड़ रुपए कमा चुकी है.

लेकिन दूसरी ओर फिल्म को लेकर कई स्थानों पर झगड़े ओर सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं भी हुई हैं. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अकोला जिले के हरिहरपेठ में फिल्म को लेकर एक इंस्टग्राम पोस्ट पर विवाद छिड़ गया गया था जिसके बाद दो समूहों के बीच पत्थरबाजी हुई. इस झड़प में कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा और कुछ गाड़ियां जला भी दी गईं. इस हिंसा में एक व्यक्ति मारा गया और कम से कम 10 लोग घायल हो गए.

इसी तरह जम्मू के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में फिल्म को लेकर छात्रों के दो समूहों के बीच हाथापाई हो गई, जिसके बाद कम से कम 10 छात्रों को निष्कासित कर दिया गया.